Top Guidelines Of sidh kunjika
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नमस्ते रुद्ररूपिण्यै नमस्ते मधुमर्दिनि ।
धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः
श्री महा लक्ष्मी अष्टोत्तर शत नामावलि
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
क्लींकारी काल-रूपिण्यै, बीजरूपे नमोऽस्तु ते।।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति तृतीयोऽध्यायः
नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।
यस्तु कुंजिकया देविहीनां सप्तशतीं पठेत्।
मौसम मुंबई का मौसमजयपुर का मौसमनई दिल्ली का मौसमलखनऊ का मौसमनोएडा का मौसम
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
सां सीं सूं सप्तशती देव्या मंत्र सिद्धिं कुरुष्व मे॥
On chanting in general, Swamiji says, “The greater we recite, the greater we pay attention, and here the more we attune ourselves towards the vibration of what is staying claimed, then the more We'll inculcate that Mindset. Our intention amplifies the attitude.”
ॐ अस्य श्रीकुंजिकास्तोत्रमंत्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः,